अमिता शिंदे
वर्धा: नागपुर के संतरे मशहूर हैं और सभी ने इनका स्वाद चखा है. लेकिन क्या आपने कभी कश्मीरी संतरे खाए हैं? रोहिणी विजय बाबर के वर्धा स्थित घर पर एक कश्मीरी संतरे का पेड़ है. पिछले तेरह वर्षों से बाबर के परसबाग में कश्मीरी संतरे लहलहा रहे हैं. ये संतरे महाराष्ट्र के संतरे से अलग हैं. अंदर से लाल और स्वाद में कसैला हैं. एक संतरे का वजन दो से तीन किलो होता है. ये कश्मीरी संतरे विटामिन सी से भरपूर होते हैं और स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं.
डॉ. रोहिणी विजय बाबर के मित्र डॉ. शिवकुमार पुंडकर इस पेड़ को 13 साल पहले कश्मीर से लाए थे. डॉ. बाबर बताते हैं कि उनसे मिलने के बाद हमने यह पेड़ लगाया और इसकी अच्छी देखभाल की. आरंभ में कुछ वर्षों तक इसमें फल नहीं आए. लेकिन कुछ वर्षों के बाद इस पेड़ पर फूल आने लगे और सुंदर फल लगने लगे. तब यह फल कौतूहल का विषय बन गया क्योंकि इसका आकार बहुत बड़ा था. इस फल को कोंकण में पापनस कहा जाता है. यह फल मधुमेह और पेट की बीमारियों के लिए फायदेमंद है. इस फल का वजन 2 से 3 किलो होता है.
हालांकि इस फल का उत्पादन हमारे देश में कम होता है, लेकिन बिहार, ओडिशा, हिमालय, उत्तर प्रदेश में इस फल का बहुत महत्व है. छठ पूजा के लिए वे इस फल को काफी महत्व देते हैं. यह फल वहां 100 से लेकर 300 रुपये प्रति पीस तक बिकता है. चूंकि इसका ऊपरी हिस्सा सख्त होता है इसलिए इस फल को चाकू से छीलना पड़ता है. इसे छीलने में काफी समय लगता है. फल का रंग बहुत सुंदर होता है. इसका रस बहुत स्वादिष्ट होता है.अगर आप शुगर के मरीज नहीं हैं तो जूस में थोड़ा नमक और जीरा मिलाकर पी सकते हैं. बाबर ने बताया कि यह बहुत स्वादिष्ट है.
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FIRST PUBLISHED : January 4, 2024, 10:16 IST