संवाददाता – लव श्रीवास्तव
(ऊधम सिंह नगर,बाजपुर) देश के किसान तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेते समय दिए गए आश्वासनों के पूरा न होने के विरोध में नई दिल्ली तक मार्च कर रहे हैं। इस दौरान दिल्ली व हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों को रोकने व उनके अधिकारों से उन्हें वंचित करने के लिए जिन तरीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह बेहद अलोकतांत्रिक है। यह कृत्य केंद्र सरकार की किसान विरोधी मानसिकता को दिखाता है। यह बात नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कही। वह यहां पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख राणा इंदरपाल सिंह उर्फ पिंटू के यहां समागम में आए थे। आर्य ने कहा कि किसानों के आंदोलन का कारण स्पष्ट है। चाहे वह पूंजीपतियों की मदद के लिए भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करने की कोशिश हो अथवा तीन काले कृषि कानून लाना रहा हो, केन्द्र सरकार ने हर तरह से किसानों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी भी आज तक नहीं मिली है। किसानों के लिए बाज़ार को कमजोर करने का कार्य किया गया है। यहां तक कि यह सरकार किसानों को उचित लागत मूल्य देने में भी विफल रही है। 2004-14 की अवधि में कांग्रेस सरकार के दौरान गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 126 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी। अगर वर्तमान सरकार द्वारा किसानों को वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जाता तो आज उन्हें गेहूं का प्रति क्विंटल मूल्य 3277 रुपये मिल रहा होता। वर्तमान में यह 2275 रुपये है। आर्य ने कहा कि आज किसान ऋष्ण के दुष्चक्र में फंसते जा रहे हैं। वर्ष 2013 से किसानों के ऊपर कर्ज में 60 फीसदी बढ़ोतरी हुई है और इससे उनकी स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवाने वाले लाखों किसानों को उनके क्लेम के भुगतान में देरी का सामना करना पड़ता है। सरकार के अपने ही आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 21-22 में लगभग 2761 करोड़ रुपए के क्लेम लंबित हैं। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के बड़े-बड़े दावों और भाषणों की आड़ में अन्नदाता की वास्तविकता को छुपाने की कोशिश की गई है। हकीकत यह है कि किसान कर्ज में डूबे हैं और उन्हें फसल बीमा की राशि भी नहीं मिल रही है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी आज तक नहीं मिली है। आर्य ने कहा कि भाजपा सरकार ने कभी किसानों के हित की बात नहीं की। यह सरकार किसान व मजदूर के दुःख को नहीं समझ रही। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए।