संवाददाता – लव श्रीवास्तव
(ऊधम सिंह नगर,बाजपुर) किसान आंदोलन को लेकर देश भर के किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं। पंजाब हरियाणा के बाद यूपी उत्तराखंड के किसान मजदूर भी सक्रिय हो गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा उत्तराखंड के नेता गाजीपुर बॉर्डर के पूर्व प्रवक्ता किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसान आंदोलन के दौरान तीन कृषि बिल वापसी के साथ ही एमएसपी गारंटी कानून, किसानों पर दर्ज मुकदमे वापसी, बिजली बिल सहित अन्य कई मुद्दों पर समाधान का आश्वासन दिया था। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा वादा खिलाफी के चलते आज देशभर का किसान मजदूर पुनः आंदोलन की राह पर है। मौजूदा हालातो को देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 22 फरवरी को चंडीगढ़ में बैठक आयोजित की जा रही है। जिसमें देशभर के संगठनों से विचार विमर्श के बाद संयुक्त किसान मोर्चा आंदोलन के संबंध में आगामी रणनीति तय करेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनीतिक)व किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर किसान खनोरी व शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं जिस पर सरकार द्वारा तानाशाही दिखाई जा रही है। जो बेहद निंदनीय है। किसानों की जिन मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। उन मांगों पर देशभर के किसान मजदूर संगठन एकमत हैं। लेकिन आंदोलन में किस रूप से सक्रिय रहा जाएगा। इसका निर्णय संयुक्त मोर्चा की बैठक में ही लिया जाएगा। बैठक में रणनीति बनने के बाद ही दिल्ली कूच की तैयारी की जाएगी।