संवाददाता – ज्योति स्वरुप अग्रवाल
(ऊधम सिंह नगर,सुल्तानपुर पट्टी) आज कलयुग के इस दौर में जहां लोग अपने मां बाप को वृद्धाश्रम छोड़ आते हैं और अपने साथ रखने में बोझ समझते हैं वहीं इस बात पर शायद ही विश्वास होगा कि कोई पुत्र अपनी मां को कन्धे पर बैठा कर चार धाम की पैदल यात्रा कराने निकले है। लेकिन ये सच है जो बदायु के दो भाईयों ने कर दिखाया।
जब भी सनातन धर्म में श्रवण कुमार का जिक्र आता है तो वह आज भी लोगों को अपने माता-पिता की सेवा करने के लिये प्रेरित करते हैं। आज भी हर माता-पिता चाहते हैं कि उनकी संतान श्रवण कुमार जैसी हो। ऐसे ही उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के इस्लामनगर थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव के रहने वाले धीरज और तेजपाल अपनी माता के लिये श्रवण कुमार बन गए हैं। दोनों अपनी माता को पालकी में बैठाकर चारधाम यात्रा करा रहे हैं। दोनों भाइयों ने अपनी माता के लिये पालकी बनाई और उसमें बैठाकर अपने कंधों पर उठाकर चार धाम यात्रा करा रहे हैं। माँ को अपने कंधों पर लेकर पैदल यात्रा करते हुए सुल्तापुर पट्टी पहुचे कलयुग के श्रवण कुमार ने बताया कि 18 फरवरी को यात्रा शुरू करने के बाद से अभी तक वह अपनी मां को मनसा देवी, नीलकंठ, वीरभद्र, सुरकंडा माता मंदिर के दर्शन करा चुके हैं। उसके बाद माँ यमुनोत्री दर्शन किये फिर गंगोत्री, बाबा केदारनाथ और बदरीनाथ के दर्शन कर वापस हरिद्वार पहुचे। उन्होंने बताया कि ये यात्रा पैदल ही भगवान श्री राम के धाम अयोध्या पहुचकर समाप्त होगी। वही नगर के समाजसेवी राजीव सैनी ,नरेंद्र कुमार ,प्रेम सिंह मौर्य ,रवि ने नगर में पहुचने पर जोरदार स्वागत किया।