संवाददाता – लव श्रीवास्तव
(ऊधम सिंह नगर,बाजपुर) गुरुद्वारा साहिब में यूपी उत्तराखंड के किसान संगठनों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में शंभू व खनोरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए सरकार द्वारा की जा रही तानाशाही की जमकर निंदा की गई। संगठनों के प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि सरकार यदि आंदोलनकारी किसानों पर आलोकतांत्रिक तरीके से अत्याचार करती है तो यूपी उत्तराखंड के तराई क्षेत्र से भी किसान शंभू व खनोरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में जाएंगे। भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि बैठक में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा,तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह विर्क,भारतीय किसान यूनियन एकता उग्रह के महेंद्र सिंह रंधावा व लखविंदर सिंह मीटिंग के आयोजक अजीत प्रताप सिंह रंधावा सहित अन्य धार्मिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किसान आंदोलन के मौजूदा हालातो पर गंभीरता पूर्वक विचार विमर्श किया गया। तय किया गया कि अगर किसानों को खनोरी व शंभू बॉर्डर से आगे नहीं आने दिया जाता। तो भविष्य में यूपी उत्तराखंड के किसान भी खनोरी व शंभू बॉर्डर पहुंचेंगे और अगर किसान दिल्ली पहुंचते हैं तो दिल्ली कूच किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण भारत बंद को लेकर 4 घंटे तक चीनी मिल बंद रख विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया।
बैठक की अध्यक्षता भाकियू प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा व संचालन भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने किया। बैठक में विजेंद्र सिंह डोगरा,प्रताप सिंह संधू,हरप्रीत सिंह निज्जर, जसवीर सिंह, बलदेव सिंह, गुरविंदर सिंह,करणवीर खैर, रतन बाजवा, निशांन सिंह, दलेर सिंह रंधावा, राजकिशोर सिंह, उपकर संधू, गुलजार सिंह आदि थे।
20 को बाजपुर महिला मार्च पर चर्चा।
भूमि बचाओ मुहिम के संयोजक जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि बाजपुर के 20 गांव की 5838 एकड़ भूमि के भूमिधरी अधिकारों को लेकर चल रहे भूमि बचाओ आंदोलन पर चर्चा करते हुए किसानों ने 20 फरवरी को बाजपुर में प्रस्तावित महिला मार्च की तैयारी पर भी चर्चा की व शांतिपूर्वक महिला मार्च करने का निर्णय लिया गया।