राम मंदिर समारोह में कांग्रेस नेताओं को जाना चाहिए या नहीं? उद्धव की शिवसेना ने दी सलाह

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मुंबई: अयोध्या में 22 जनवरी को नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारी चल रही है. इस बीच उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना ने कांग्रेस की ‘आत्मा’ को हिंदू करार देते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस के नेताओं को अगर राम मंदिर का विशेष निमंत्रण मिला है तो उन्हें राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर अयोध्या में भगवान राम के मंदिर में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना चाहिए.

शिवसेना (यूबीटी) ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय लेख में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘अगर उस समय प्रधानमंत्री भाजपा से होते तो बाबरी मस्जिद नहीं गिराई जाती. दिसंबर 1992 में जब ढांचा गिराया गया तब कांग्रेस की सरकार थी और पी वी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री थे.’ उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी है और विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन की सदस्य भी है.

शिवसेना (यूबीटी) ने संपादकीय लेख में कहा, ‘यदि कांग्रेस को राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए कोई विशेष निमंत्रण मिला है तो उसके नेताओं को अयोध्या जाना चाहिए. इसमें गलत क्या है? कांग्रेस की आत्मा हिंदू है. इसमें छुपाने लायक कुछ भी नहीं है.’ अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी को आमंत्रित किया गया है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी आमंत्रित किया गया है.

राम मंदिर समारोह में कांग्रेस नेताओं को जाना चाहिए या नहीं? उद्धव की शिवसेना ने दी सलाह

शिवसेना (यूबीटी) ने अपने संपादकीय लेख में कहा, ‘कांग्रेस ने कभी भी अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का विरोध नहीं किया. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की राय थी कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए. राजीव गांधी के निर्देश पर ही दूरदर्शन पर प्रसिद्ध धारावाहिक ‘रामायण’ का प्रसारण किया गया था.’ बता दें कि 22 जनवरी को पीएम मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.

Tags: Ayodhya ram mandir, Congress, Uddhav thackeray

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